हमारे देश में लोग पागल है , मै खुद भी एक नालायक हूँ क्योकि मेरे से छोटी उम्र में भी 2nd विश्व युद्ध में जर्मनी के बच्चे सैनिक बन गये | आज भी हमारा देश शिक्षा की दृष्टिकोण से पिछड़ा है
यहाँ पर चुनावो के समय भी शिक्षा के बारे में बात नही की जाती है तो बिना चुनाव के कौन बात करे ? आज गरीबो के बच्चे सरकारी विद्यालयो में पढते है | और सरकारी स्कूल खण्डहर बन गये | मै सरकारी स्कूलों का विरोध करूगा क्योंकि मै किसी बच्चे का भविष्य खराब नही करना चाहता हूँ सरकार चाहे कोई भी हो राजनेता व अधिकारी जरा भी बदलाव नही चाहते है क्योकि अगर सरकारी स्कूल सुधर गये तो इनके बच्चो की बराबरी हो जायेगी आज से मेरी क्रान्ति शुरू जरा भी किसी ने सरकारी विद्यालय की परवाह नही कि तो उस अधिकारी के पत्नी व बच्चे अपने पति व पिता को देख नही पायेगे | जो होगा वह देखा जायेगा धोखे का बदला मौत से लेकर सोयेंगे नही जड़ को भी मौत देकर चैन की सांस लेगे ,चाहे मुझे इस अभियान में फांसी या सजा क्यो न हो |
